टखना और घुटने के दर्द के लिए गुल्फ चक्र क्रिया
नमस्कार दोस्तों! एक कदम स्वास्थ्य से आनंद की ओर कार्यक्रम में आपका स्वागत है। आज हम बात करेंगे गुल्फ चक्र के बारे में।गुल्फ का मतलब होता है टखना और चक्र का मतलब होता है गोलाकार घूमना। यह एक योग क्रिया है जो टखनों, पिंडलियों, घुटनों और जांघों को मजबूत और लचीला बनाने में मदद करती है। यह टखना और घुटने के दर्द को दूर करने के लिए भी बहुत फायदेमंद है।
कैसे करें :
सबसे पहले नीचे बैठ जाएं और पैरों को दंडासन की स्थिति में सामने फैलाएं। पैरों के बीच एक से डेढ़ फुट का फासला रखें। अपने हाथों को अपनी कमर के पीछे जमीन पर लगाएं और छाती को फूला हुआ रखें।
अब अपने पैरों के टखनों को गोलाकार घुमाएं। इसके लिए अपने बाएं पैर के पंजे से दाएं पैर की एड़ी को और दाएं पैर के पंजे से बाएं पैर की एड़ी को छूने का प्रयास करें। इस प्रकार कम से कम तीन बार करे और एक चक्र में कम से कम 15 से 20 सेकंड लगना चाहिए जितनी बार दाएं ओर टखनों को हमने घड़ी की दिशा में घुमाया है उतनी बार हम घड़ी की विपरीत दिशा में पैरों को गोलाकार घुमाएंगे। पैरों को घुमाते हुए एड़ी टखनों पिंडलियों और घुटनों के साथ जांघो में होने वाले खिंचाव का अवलोकन करें और अपने पैरों को विश्राम की अवस्था में ले आएं। जब आप विश्राम करें गुल्फ चक्र करने से पहले और करने के बाद की परिवर्तन को महसूस करें।
गुल्फ चक्र के लाभ:
- टखनों, पिंडलियों, घुटनों और जांघों को मजबूत और लचीला बनाता है।
- टखना और घुटने के दर्द को दूर करता है।
- रक्त संचार में सुधार करता है।
गुल्फ चक्र के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें:
- गुल्फ चक्र को धीरे-धीरे करें। जल्दी-जल्दी करने से इसका प्रभाव कम हो जाएगा।
- दोनों पैरों के बीच एक से डेढ़ फुट का फासला अवश्य रखें। इससे पैरों पर पूरा खिंचाव आएगा।
- आंखें बंद करके चेहरे पर मुस्कुराहट रखते हुए सहज भाव से क्रिया करें।
- क्रिया करने के बाद शरीर को ढीला छोड़ दें।
प्रतिदिन कितनी बार करें गुल्फ चक्र:
जिन लोगों को टखनों, पिंडलियों, घुटनों या जांघों में दर्द है उन्हें दिन में तीन बार गुल्फ चक्र करना चाहिए। इसे सुबह, दोपहर और शाम में कर सकते हैं।
निष्कर्ष:
गुल्फ चक्र एक सरल लेकिन प्रभावी योग क्रिया है जो टखनों, पिंडलियों, घुटनों और जांघों के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है। नियमित रूप से गुल्फ चक्र करने से आप इन क्षेत्रों में होने वाली समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं। और खास बात इसकी यह है आप अपने बिस्तर के ऊपर भी कर सकते हैं लेकिन बिस्तर स्पंजी नहीं होना चाहिए ना बहुत नरम और ना बहुत कठोर होना चाहिए
इसी के साथ आप सभी को बहुत-बहुत धन्यवाद और आप सभी को हमारा मुस्कुराता हुआ नमन। अन्य जानकारी के लिए क्लिक करें www.DhakaRam.com
योगाचार्य ढाकाराम
संस्थापक, योगापीस संस्थान