एक पाद सुप्त पादांगुष्ठासन: स्वास्थ्य से आनंद की ओर एक कदम

प्यारे मित्रों,
आप सभी को हमारा मुस्कुराता हुआ नमस्कार।
‘एक कदम स्वास्थ्य से आनंद की ओर’ कार्यक्रम में आपका हार्दिक स्वागत है।
आज हम जिस योगासन की बात करने जा रहे हैं, वह है एक पाद सुप्त पादांगुष्ठासन। यह आसन खासतौर पर पैरों से जुड़ी समस्याओं में अत्यंत लाभदायक है। जिन लोगों को एड़ियों, पिंडलियों, घुटनों या जांघों में दर्द रहता है, उन्हें यह आसन दिन में तीन बार अवश्य करना चाहिए। यह न केवल पैरों को मजबूती प्रदान करता है बल्कि रीढ़ की हड्डी में लचक भी बढ़ाता है।

आसन करने की विधि:
पहला चरण (दाहिने पैर से):
- सबसे पहले शवासन में लेट जाएं।
- दाहिने पैर को मोड़कर छाती की ओर लाएं।
- दाहिने हाथ से दाहिने पैर के अंगूठे को पकड़ें।
- धीरे-धीरे घुटने को सीधा करने का प्रयास करें।
- अपनी क्षमता अनुसार पैर को अपनी ओर खींचें।
- 1 मिनट तक इसी स्थिति में रहें।
- फिर धीरे-धीरे वापस शवासन में आ जाएं और शरीर का अवलोकन करें।

दूसरा चरण (बाएं पैर से):
- बाएं पैर को मोड़ें और छाती की ओर लाएं।
- बाएं हाथ से बाएं पैर के अंगूठे को पकड़ें।
- धीरे-धीरे घुटने को सीधा करें।
- पैर को अपनी ओर खींचें और 1 मिनट तक इसी अवस्था में रहें।
- इसके बाद शवासन में विश्राम करें और आसन से पहले और बाद के परिवर्तन को महसूस करें।
विकल्प:
यदि आप अपने पैर का अंगूठा या एड़ी नहीं पकड़ पा रहे हैं, तो योगा बेल्ट, चुन्नी, तौलिया या बेडशीट का उपयोग कर सकते हैं।
- शवासन में लेटकर दाहिने पैर के पंजे पर योगा बेल्ट लगाएं (छोटी उंगली के नीचे)।
- धीरे-धीरे पैर को सीधा करें।
- ध्यान रखें कि दोनों पैर सीधे हों और पंजे शरीर की ओर खिंचे हों।
- अपनी क्षमता अनुसार 90 डिग्री तक या उससे अधिक पैर को ऊपर उठाएं।
- 1 मिनट तक इसी स्थिति में रहें, फिर धीरे-धीरे वापस शवासन में आ जाएं।
- अब यही प्रक्रिया बाएं पैर से दोहराएं।


दोनों तरफ समान अभ्यास के बाद शवासन में विश्राम करें और शरीर को पूरी तरह ढीला छोड़ दें। फिर धीरे से करवट लेते हुए बैठ जाएं।
सावधानियां:
- दोनों पैर सीधे होने चाहिए।
- दोनों पैरों के पंजे शरीर की ओर खिंचे हुए होने चाहिए।
लाभ:
- वेरीकोज़ वेन्स (Varicose Veins) के लिए यह रामबाण है।
- पैरों से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या में लाभदायक।
- एड़ियों, पिंडलियों, घुटनों और जांघों के दर्द में अत्यंत उपयोगी।
- रीढ़ की लचक और पैरों की शक्ति में वृद्धि करता है।
आप सभी को हमारी ओर से फिर एक बार मुस्कुराता हुआ नमस्कार।
मुस्कुराते रहें, हँसते रहें, और आनंदित रहें।
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद और आभार।
– योगाचार्य ढाकाराम
संस्थापक, योगापीस संस्थान
