15-Jul-2025
भस्त्रिका प्राणायाम
योगाचार्य ढाकाराम

भस्त्रिका नाम लुहार की धौंकनी जैसी वेगपूर्वक वायु भरने व निकालने की क्रिया की समानता से प्रेरित है। यह प्राणायाम शरीर को ऊर्जा से भरकर विषाक्त तत्वों का निष्कासन करता है।


विधि
- आसन: पद्मासन, अर्धपद्मासन या सुखासन (पालथी) में बैठें।
- शरीर स्थिति:
- कमर, पीठ एवं गर्दन सीधी रखें
- दोनों नितम्बों पर समान वजन
- शरीर को तनावमुक्त रखें (विशेष ध्यान दें)
- पेट की मांसपेशियाँ शिथिल, सीना फुला हुआ
- हस्त मुद्रा: दोनों हाथ घुटनों पर सामान्य स्थिति में।
- प्रारम्भ:
- आँखें कोमलता से बंद कर अंतर्मुखी हो जाएँ
- वेगपूर्वक श्वास लेते हुए दोनों बाँहों को सिर के ऊपर उठाएँ (फेफड़े पूर्णतया भरें)
- हाथ नीचे लाते हुए वेगपूर्वक श्वास बाहर निकालें (फेफड़े पूर्णतः खाली हों)
- अवधि:
- 4 मिनट तक लगातार दोहराएँ
- अक्षमता होने पर 2 मिनट करें → 1 मिनट विश्राम → पुनः 2 मिनट (कुल 5 मिनट)
- समापन:
- फेफड़ों को पूरी तरह खाली करें
- श्वास को सहज भाव से आने-जाने दें
- 1 मिनट तक आँखें बंद रखकर शरीर व श्वास का साक्षीभाव से निरीक्षण करें





विशेष निर्देश
- बाँहों के ऊपर-नीचे होने पर शरीर में झटका/तनाव न आने दें
- चेहरा सामान्य व तनावमुक्त रखें
- श्वास लेने-छोड़ने का समय समान रखें (जैसे 2 सेकंड भरना, 2 सेकंड खाली करना)
- श्वास “पूर्ण क्षमता” से भरें व “सम्पूर्णतया” खाली करें
- अपना ध्यान श्वास क्रिया पर केन्द्रित रखें
लाभ
- विषाक्त तत्वों का निष्कासन
- वात-पित्त-कफ संतुलन
- चयापचय (Metabolism) व रक्त-ऑक्सीजन में वृद्धि
- फेफड़ों को पुष्ट करना (सर्दी-जुकाम, अस्थमा, निमोनिया, एलर्जी, कफ में विशेष लाभकारी)
- ध्यान की तैयारी में सहायक
सावधानियाँ
नवसाधकों के लिए:
- प्रारम्भ में सिरभारीपन/चक्कर आने पर विश्राम करें
- पहले सामान्य गति से अभ्यास करें, फिर धीरे-धीरे गति बढ़ाएँ
निषेध (जिन्हें नहीं करना चाहिए)
- उच्च/निम्न रक्तचाप
- हृदय रोग
- नकसीर (नाक से खून आना)
- मिर्गी
- चक्कर आने की समस्या
“भस्त्रिका प्राणायाम की वेगपूर्ण क्रिया शरीर में प्राण के प्रवाह को ठीक उसी प्रकार जागृत करती है जैसे लौहार की धौंकनी अंगारों में अग्नि। परिशुद्ध तकनीक व सजगता से ही यह रूपान्तरकारी परिणाम देती है।”
– योगाचार्य ढाकाराम

Yogacharya Dhakaram
Yogacharya Dhakaram, a beacon of yogic wisdom and well-being, invites you to explore the transformative power of yoga, nurturing body, mind, and spirit. His compassionate approach and holistic teachings guide you on a journey towards health and inner peace.
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