शीतली प्राणायाम

आप सभी को हमारा मुस्कुराता हुआ नमस्कार। एक कदम स्वास्थ्य से आनंद की ओर कार्यक्रम में आप सभी का स्वागत है।
प्यारे मित्रों, आज हम लेकर आए हैं आपके लिए शीतली प्राणायाम। इसके नाम से ही लगता है कि यह हमारे शरीर को शीतलता प्रदान करने वाला प्राणायाम है। गर्मी के समय में तो यह रामबाण है। जिन लोगों को पित्त ज्यादा बनता है, जिनके पसीना ज्यादा आता है, जिनके मुंह में छाले होते हैं, जिनके पेट में अल्सर है, उनके लिए बहुत फायदेमंद है। अब हम आपको शीतली प्राणायाम करने का सही तरीका बताएंगे ताकि आप ज्यादा से ज्यादा फायदा ले सकें।
शीतली प्राणायाम की क्रियाविधि
शीतली प्राणायाम करने के लिए आप किसी भी आसन में बैठ सकते हैं जिसमें आप सुखपूर्वक बैठ सकें। शीतली प्राणायाम के लिए आप सुखासन, पद्मासन, अर्ध पद्मासन, कुर्सी पर, मेज पर या बेड पर बैठ सकते हैं। इसमें यह बात ध्यान रखना है कि आपकी कमर सीधी हो, आपकी कमर और पीठ एक सीध में हो जिससे आपकी रीढ़ की हड्डी सीधी रहे। आपकी छाती फूली हुई होनी चाहिए। आपकी पेट की मांसपेशियां शिथिल होनी चाहिए। आपके चेहरे और गर्दन पर कोई तनाव नहीं होना चाहिए।
अब आप अपनी जांघों पर हाथों की कोई भी मुद्रा बनाकर रखते हैं। आप हाथों से प्राण मुद्रा या ज्ञान मुद्रा बना सकते हैं। इसके लिए आपको होठों को ओ की आकृति बनाते हुए जीभ को बाहर निकालते हुए जीभ का पाइप बनाएंगे। अब इसी पाइप से धीरे-धीरे श्वास को अंदर लेंगे। पूरा श्वास अंदर लेने के बाद हम इसे अंदर निगल लेंगे। फिर नाक के माध्यम से इसे धीरे-धीरे बाहर कि और निकाल देंगे।
शीतली प्राणायाम के लाभ
- यह पेट की गर्मी को कम करता है।
- यह शरीर को शिथिल करता है और तन और मन को शांत करता है।
- यह तनाव को कम करने में रामबाण है।
- यह गले और क्रोध से होने वाली बीमारियों में लाभदायक है।
- जिन लोगों को अधिक गर्मी लगती है, पसीना ज्यादा आता है, पेट में अल्सर है, मुंह में छाले हैं, जिनको नकसीर बहती है, जिनको बहुत ज्यादा पित्त बनता है, उनको यह बहुत फायदा देता है।



सावधानियां
- यह प्राणायाम केवल गर्मी के मौसम में किया जा सकता है।
- इसमें हमारी रीढ़ की हड्डी सीधी होनी चाहिए।
- अगर हमें सर्दी की बीमारियां हो रखी हों, जैसे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, जुखाम, खांसी आदि, तो हमें यह प्राणायाम नहीं करना चाहिए।
- जो लोग जीभ को मोड़कर पाइप नहीं बना सकते, उनको शीतली की जगह शीतकारी प्राणायाम करना चाहिए।
- अगर आप शीतली प्राणायाम करना चाहते हैं तो आप हाथों से अपनी जीभ को सहारा देकर भी कर सकते हैं।
- यह प्राणायाम एक सामान्य व्यक्ति 5 मिनट तक कर सकता है। और जो लोग किसी प्रकार की बीमारी के लिए करना चाहते हैं तो वे लोग 5 मिनट सुबह, 5 मिनट शाम को और अगर समय हो तो 5 मिनट दोपहर में भी कर सकते हैं।
- इस 5 मिनट के समय में 4 मिनट आपको प्राणायाम करना है और 1 मिनट के लिए आपको प्राणायाम के प्रभाव को आंखें बंद करते हुए महसूस करना है।
प्राणायाम का पूरा फायदा लेना चाहते हैं तो प्राणायाम आंखें बंद करके ताकि आप अपने शरीर में हो रहे बदलाव को महसूस कर पाए।
आप सभी का बहुत-बहुत आभार। आप सभी का दिन मंगलमय हो।
