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02-Jan-2024

ऊर्जा और शक्ति प्रदान करने वाला आसन: ताड़ासन

योगाचार्य ढाकाराम

प्यारे मित्रों, आपने देखा होगा जब हम सोकर उठते हैं तो हम अंगड़ाई लेते हैं। अंगड़ाई लेने से हमें हमारे अंदर से सुस्ती गायब हो जाती है हम ऊर्जावान हो जाते हैं। अंगड़ाई हम 8 से 10 सेकंड लेते हैं। तो सोच कर देखिए 8 से 10 सेकंड अंगड़ाई लेने से अगर हमारे अंदर की सुस्ती गायब हो जाती है तो 1 मिनट का ताड़ासन कर लेने से हमारे अंदर कितनी ऊर्जा का संचार होगा।

ताड़ासन एक सरल लेकिन शक्तिशाली योगासन है जो शरीर और मन को ऊर्जा और शक्ति प्रदान करता है। यह आसन पैरों, मेरुदंड (रीढ़ की हड्डी), पेट और छाती के लिए फायदेमंद है। ताड़ासन करने से शरीर और मन को आलस्य रहित और तरोताजा महसूस होता है।

ताड़ासन के लिए हमें कम से कम 3 मिनट का समय देना होगा। जब हम आसन में जाते हैं तो कम से कम हमें 30 सेकंड्स का समय लगता है और आसान से वापस आने में भी हमें 30 सेकंड का समय लगता है। हम 1 मिनट का आसान करते हैं और 1 मिनट का समय हमें अवलोकन में लगता है। इस प्रकार हमें ताड़ासन को कम से कम 3 मिनट का समय देना चाहिए। यह आसान हमारे पैरों के लिए, रीड की हड्डी के लिए, पेट और छाती की समस्याओं के लिए लाभदायक है। यहां तक की कोहनी कलाई और उंगलियों के जोड़ों (अर्थराइटिस) के लिए बहुत फायदेमंद है।

ताड़ासन हमारे सिर की चोटी से लेकर पैरों के पंजों तक के सारे शरीर को ऊर्जावान बनाने में मदद करता है। कूल्हों को संकुचित करने से हमारे सेक्रम,कोक्सीक्स और लम्बर के दर्द में राहत मिलता है। पेट को अंदर पिचका कर रखने से हमारे पेट के अंदरूनी अंगों की मसाज होती है। छाती को जब हम फुला कर रखते हैं तो यह हमारे फेफड़ों और हृदय के लिए बहुत अच्छा है। कंधों को खींचने से कंधों और गर्दन के लिए कोहनी को खिंचने से कोहनी और कलाई और उंगलियों में स्ट्रेच देने से अर्थराइटिस जैसे समस्याओं में बहुत फायदेमंद है आसन में हमें ध्यान रखना है कि हमारी आंखें बंद रहे सारा ध्यान हमारे श्वास और हमारे आसन पर रहे। तो प्यारे मित्रों हमें इस आसन को 3 मिनट का समय सुबह देना है और 3 मिनट का समय शाम में देना है। इस आसन को हम कहीं भी कर सकते हैं और कभी भी कर सकती हैं। अपने आप को तरोताजा रखने के लिए आप इस आसन को रोजाना अवश्य करें।

ताड़ासन का अर्थ:

ताड़ासन का अर्थ है “ताड़ के पेड़ की तरह खड़े होना”। यह आसन ताड़ के पेड़ की तरह मजबूत और स्थिर होने का प्रतीक है।

ताड़ासन कैसे करें:

  1. सीधे खड़े हो जाएं, पैरों के बीच एड़ी से पंजों तक एक समान दूरी रखें।
  2. हाथों को जांघों पर रखें।
  3. धीरे-धीरे दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठाएं, जब तक कि वे कंधों के बराबर न पहुंच जाएं।
  4. हाथों को कंधों से घुमाते हुए, हथेलियों को आकाश की ओर रखें।
  5. दोनों हाथों को खींचते हुए, छत को छूने की कोशिश करें।
  6. कूल्हों को संकुचित करें, पेट को अंदर पिचका कर रखें और छाती को फुला लें।
  7. सिर की चोटी से लेकर पैरों के पंजों तक शरीर को एक सीध में रखें।
  8. इस स्थिति में कम से कम 1 मिनट तक रहें।
  9. धीरे-धीरे हाथों को नीचे लाएं और पैरों को सामान्य स्थिति में लाएं।
  10. हाथों को पीछे रखें और दाहिने हाथ से बाएं हाथ की कलाई को पकड़ कर आराम से खड़े हो जाएं।
  11. पूरे शरीर को शिथिल करें।

ताड़ासन के लाभ:

  • शरीर को ऊर्जा और शक्ति प्रदान करता है।
  • पैरों, रीढ़ की हड्डी, पेट और छाती के लिए फायदेमंद है।
  • शरीर को आलस्य रहित और तरोताजा महसूस कराता है।
  • कूल्हों के दर्द को कम करता है।
  • पेट के अंगों की मालिश करता है।
  • फेफड़ों और हृदय के लिए अच्छा है।
  • कंधों और गर्दन के लिए फायदेमंद है।
  • कोहनी और कलाई के दर्द को कम करता है।

सावधानियां:

  • अगर आपके घुटनों में दर्द है अथवा कमजोरी है तो आप लेट कर सुप्त ताड़ासन कर सकते हैं।
  • अगर आपके कूल्हों में दर्द है, तो इस आसन को करते समय कूल्हों को क्षमता के अनुसार संकुचित करें।

निष्कर्ष:

ताड़ासन एक सरल लेकिन शक्तिशाली योगासन है जो शरीर को कई लाभ प्रदान करता है। यह आसन रोजाना करने से शरीर को ऊर्जावान और स्वस्थ रखा जा सकता है। ताड़ासन दिन में कम से कम एक बार अवश्य करना ही चाहिए।

इसी के साथ आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद और आप सभी का दिन मंगलमय हो सुप्रीम पावर परमेश्वर की अनुकंपा हम सभी पर बनी रहे और इस खुशी को बांटने में आप हमारा सहयोग करें मतलब यह जन-जन तक पहुंचे।

Yogacharya Dhakaram
Yogacharya Dhakaram, a beacon of yogic wisdom and well-being, invites you to explore the transformative power of yoga, nurturing body, mind, and spirit. His compassionate approach and holistic teachings guide you on a journey towards health and inner peace.
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