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17-Nov-2025

सर्वांगासन: सम्पूर्ण स्वास्थ्य का आधार

योगाचार्य ढाकाराम

हरि ओम और आत्मीय स्वागत

हरि ओम!
आप सभी को हमारा मुस्कुराता हुआ नमस्कार।
“एक कदम स्वास्थ्य से आनंद की ओर” कार्यक्रम में आप सभी का हृदय से स्वागत है।

परिचय: आज का विषय – सर्वांगासन

प्यारे मित्रों, आप सभी मस्त और आनंदित होंगे।
आज हम बात करेंगे सर्वांगासन के बारे में।
सर्वांगासन शब्द से ही स्पष्ट है — यह सभी अंगों को स्वस्थ करने वाला योगासन है।

शीर्षासन और सर्वांगासन का संबंध

  • पहले हमने शीर्षासन की चर्चा की थी, जिसे आसनों का राजा कहा जाता है।
  • उसी प्रकार सर्वांगासन को हम प्रधानमंत्री कह सकते हैं, जो शरीर के सभी विभागों को संतुलित रखता है।
  • अगर शीर्षासन पिता है, तो सर्वांगासन माता के समान है — इसलिए इसे आसनों की माता भी कहा गया है।

स्वास्थ्य के लिए क्यों आवश्यक है सर्वांगासन?

  • यह थायरॉइड और पैराथायरॉइड ग्रंथियों को सक्रिय करता है।
  • अंतःस्रावी ग्रंथियों (Endocrine glands) को संतुलित करता है।
  • मानसिक तनाव, चिंता, सिरदर्द और माइग्रेन को दूर करता है।
  • मन और शरीर दोनों को शांत और संतुलित करता है।

सर्वांगासन की विधि

  • कमर के बल लेट जाएं।
  • दोनों हाथ जांघों के बगल में, नितंब के पास रखें। हथेलियां जमीन की ओर हों।
  • दोनों पैरों को मिलाकर 30°, 45°, 60° और फिर 90° तक धीरे-धीरे ऊपर उठाएं।
  • फिर दोनों हाथों से नितंबों को सहारा देकर कमर को ऊपर उठाएं और पैरों को सिर के पीछे की ओर ले जाएं।
  • हाथ कमर के पीछे, उंगलियां जुड़ी हुई और कोहनियां कंधों के सीध में रखें।
  • धीरे-धीरे पैर ऊपर की ओर सीधा करें ताकि पूरा शरीर — एड़ी से लेकर कंधे तक — एक सीध में आ जाए।

आसन में ध्यान रखने योग्य बातें

  • ठुड्डी गले से सटी रहे, जिससे जालंधर बंध लग जाए।
  • दृष्टि पैरों के पंजों की ओर हो।
  • शरीर का भार गर्दन पर नहीं, कंधों पर होना चाहिए।
  • श्वास को सामान्य बनाए रखें।

आसन से बाहर आने की विधि

  • धीरे-धीरे पैरों को सिर की ओर लाएं।
  • कमर को जमीन से लगाएं और फिर पैर नीचे रखें।
  • पैरों में 1 से 1.5 फीट का फासला रखें।
  • हाथों को शरीर के बगल में रखें, हथेलियां ऊपर की ओर हों।
  • आँखें बंद करें और आसन से पहले और बाद के बदलावों का अवलोकन करें।

विश्राम और समापन

  • शवासन में कुछ समय विश्राम करें।
  • फिर धीरे से करवट लेते हुए बैठ जाएं।

प्यारे मित्रों,
आप हमारे साथ इस यात्रा में बने रहें और स्वस्थ जीवन की दिशा में आगे बढ़ते रहें।
आपने इसे सिर्फ पढ़ना नहीं है — नियमित अभ्यास भी करना है।

तो,
आप सभी को सत-सत नमन।
आप हमेशा खुश, मस्त, और आनंदित रहें।
इसी के साथ आप सभी का बहुत-बहुत आभार और धन्यवाद।

योगाचार्य ढाकाराम
संस्थापक, योगापीस संस्थान

Yogacharya Dhakaram
Yogacharya Dhakaram, a beacon of yogic wisdom and well-being, invites you to explore the transformative power of yoga, nurturing body, mind, and spirit. His compassionate approach and holistic teachings guide you on a journey towards health and inner peace.