रबर नेति: स्वास्थ्य और स्वच्छता का अद्भुत उपाय
आप सभी को हमारा मुस्कुराता हुआ नमस्कार। “स्वास्थ्य से आनंद की ओर” कार्यक्रम में आप सभी का हार्दिक स्वागत है। पिछली बार हमने जल नेति क्रिया पर चर्चा की थी, और आज हम “रबर नेति” के बारे में विस्तार से जानेंगे।



रबर नेति क्या है?
रबर नेति, सूत्र नेति का ही एक सरल और सुलभ विकल्प है। जबकि सूत्र नेति में धागे का उपयोग होता है, रबर नेति में मुलायम और लचीले रबर का इस्तेमाल होता है, जो इसे उपयोग में आसान बनाता है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयोगी है जो पहली बार नेति क्रिया का अभ्यास कर रहे हैं।
रबर नेति का अभ्यास कैसे करें?
- रबर नेति की तैयारी:
- सबसे पहले रबर नेति को गुनगुने पानी में भिगोकर नरम बनाएं।
- इसके खुले सिरे पर घी का लेपन करें। यह सुनिश्चित करें कि लेपन उस सिरे पर हो जिसमें छोटा छेद होता है, ताकि श्वास प्रक्रिया में सहायता मिल सके।
- अपनी नासिका छिद्र का निरीक्षण करें और देखें कि किस छिद्र में श्वास का प्रवाह अधिक है। अभ्यास उसी छिद्र से शुरू करें।



- नासिका की तैयारी:
- रबर नेति का अभ्यास करने से एक दिन पहले रात में नाक में बादाम का तेल या घी डालें। यह नासिका छिद्र को साफ और खुला करने में मदद करता है।
- अभ्यास प्रक्रिया:
- अभ्यास के दौरान हमेशा मुंह से सांस लें।
- गर्दन को हल्का ऊपर रखते हुए रबर नेति को नासिका छिद्र में सावधानी से डालें।
- धीरे-धीरे रबर नेति को घुमाते हुए नासिका के अंदर डालें।
- जब रबर नेति का दूसरा सिरा गले तक पहुंचे, तो अंगूठे और तर्जनी की मदद से इसे मुंह से बाहर निकालें।
- दोनों सिरों को पकड़कर हल्के हाथों से ऊपर-नीचे खींचें।
- प्रक्रिया पूरी होने के बाद रबर नेति को धीरे-धीरे मुंह से बाहर निकालें।
- इस प्रक्रिया को दूसरी नासिका छिद्र से भी दोहराएं।


रबर नेति के लाभ
- नाक के ऑपरेशन से बचाव:
- रबर नेति नियमित रूप से करने से नाक की हड्डी बढ़ने की समस्या (डिविएटेड सेप्टम) को ठीक किया जा सकता है।
- एलर्जी से राहत:
- यह नाक की एलर्जी और रुकावटों को दूर करने में मदद करता है।
- ENT समस्याओं में लाभ:
- यह कान, नाक, और गले की समस्याओं के लिए अत्यधिक लाभकारी है।


सावधानियां
- सुरक्षित उपयोग:
- रबर नेति को कभी भी खुले सिरे से नासिका में न डालें। इससे चोट लगने का खतरा रहता है।
- शांत मन से करें:
- अभ्यास के दौरान धैर्य और सावधानी रखें।
- आवृत्ति का ध्यान रखें:
- एक्सपर्ट बनने के बाद महीने में 1-2 बार इसका अभ्यास पर्याप्त है।
महत्वपूर्ण सुझाव
अभ्यास के शुरुआती दिनों में छींक आना सामान्य है। नाक बाहरी तत्वों को सहन करने में समय लेती है, इसलिए घबराएं नहीं। अभ्यास के साथ यह समस्या कम हो जाएगी।
आप सभी का दिन शुभ और आनंदमय रहे!
योगाचार्य ढाका राम
संस्थापक, योगा पीस संस्थान


































































