पीछे झुकने का वैज्ञानिक तरीका
हरि ओम प्यारे मित्रों!
आप सभी को हमारा मुस्कुराता हुआ नमस्कार। एक कदम स्वास्थ्य से आनंद की ओर कार्यक्रम में आप सभी का स्वागत है। आज हम चर्चा करेंगे पीछे कैसे झुके।
गलत तरीके से पीछे झुकने से क्या होता है?
- कमर में दर्द हो सकता है
- शरीर की संरचना बिगड़ सकती है
सही तरीके से पीछे झुकने के फायदे:
- मेरुदंड के लिए बहुत अच्छा
- फेफड़ों और हृदय के लिए फायदेमंद
पीछे झुकने का तरीका:
- अर्द्ध चक्रासन:
- अपने हाथों को नितंबों पर रखते हुए नितंबों को नीचे दबाएं और छाती को बाहर निकालें।
- आंखें बंद करके सांस लेते हुए छाती को ज्यादा से ज्यादा फुलाएं।
- गर्दन को तनाव मुक्त रखें।
- ध्यान कंधों और छाती की मांसपेशियों पर केंद्रित करें।
- आंखों को बिना खोले धीरे-धीरे हाथों को नीचे लाएं।
- आंखें बंद करके शरीर में होने वाले परिवर्तन को महसूस करें।
- ध्यान कंधों और छाती की मांसपेशियों पर केंद्रित करें।
- पीछे झुकने के लिए जल्दबाजी न करें।
- रोजाना अभ्यास से अच्छा परिणाम मिलेगा।
- दूसरा तरीका:
- हाथों को कमर के पीछे ले जाकर उंगलियों को आपस में फंसाकर कैंची बना लें।
- छाती को आगे की ओर ज्यादा से ज्यादा फुलाएं और गर्दन को पीछे रखें।
- इस स्थिति में कम से कम एक से दो मिनट रुकने का प्रयास करें।
- जब रुकना मुश्किल हो जाए तो धीरे-धीरे आसन से वापस सामान्य अवस्था में आ जाएं।
- आंखें बंद करके शरीर में होने वाले परिवर्तन को महसूस करें।
- आंखें बंद करके आसन करने से मन में शांति और आनंद की अनुभूति होगी।
- कंधे और गर्दन में जकड़न या दर्द होने पर यह बहुत महत्वपूर्ण है।
ध्यान रखने योग्य बातें:
- आगे झुकते समय कूल्हों के जोड़ से झुकें, पीठ सीधी रखें।
- अर्ध चक्रासन करते समय छाती को फुलाते हुए ऊपरी भाग से पीछे झुकें।
- मेरुदंड की कशेरुकाओं को धीरे-धीरे मोड़ें।
लाभ:
- छाती, फेफड़ों और हृदय के लिए फायदेमंद
- मेरुदंड को लचीला बनाता है
- कंधों और गर्दन की मांसपेशियों के लिए लाभदायक
अन्य जानकारी के लिए:
योगाचार्य ढाका राम
संस्थापक
योगापीस संस्थान